symptoms of filariasis फाइलेरिया हाथीपांव के लक्षण क्या हैं? हाथीपांव फाइलेरिया जैसे रोगों की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मुफ़्त दवा वितरण किया

filariasis caused by which mosquito हाथी पांव फाइलेरिया बीमारी कैसे होती है?

filariasis caused by which mosquito: symptoms of filariasis यह फाइलेरिया बैंक्रॉफ्टी नामक विशेष प्रकार की कृमि वायरस के द्वारा होता है। इसका प्रसार क्यूलेक्स नामक कई प्रकार के मच्छरों के काटने से होता है। कई लोगो को इस रोग के कारण पैरों में इतनी सूजन आ जाती है कि उसका पैर हाथी के पैर के समान मोटा हो जाता है, इसलिए इस रोग को हाथी पांव भी कहते हैं।यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है चाहे वह बच्चा हो, बूढ़ा हो या जवान हो|

symptoms of filariasis infection फाइलेरिया हाथीपांव के लक्षण क्या हैं?

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symptoms of filariasis: हालांकि बुखार, बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या होती है। फाइलेरिया का मुख्य लक्षण तरल पदार्थ के जमा होने के कारण होता है| यह शरीर के एक क्षेत्र में भारी वृद्धि और सूजन हो सकता है।

हाथ और पांव इस रोग से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। यह रोग होने पर हाथी के पैर के समान मोटे दिखने लगते है| पूरा हाथों और पैरों में अपने सामान्य आकार से कई गुना तक सूजन हो सकता है। इसके अलावा हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के ही लक्षण हैं।

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symptoms of filariasis hindi फाइलेरिया से कौन कौन सा अंग प्रभावित होता है?

symptoms of filariasis infection: दोस्तो फाइलेरिया हाथीपांव की शुरूआत होने पर जादातर सबसे पहले शरीर के निचले अंगों (हाथ-पैरों) को प्रभावित कर क्षति पहुचाता है। शरीर के कुछ और अंगो को भी यह लक्षण देखने को मिल सकते है| जैसे बाहें, योनिमुख (भग), स्तन और अंडकोष (हाइड्रोसील) भी प्रभावित हो सकते हैं। अगर इस प्रकार की कोई समस्या आपको दिखती है तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए|

फाइलेरिया हाथीपांव की बिमारी एक संक्रामक रोग है| जो मच्छरों के काटने पर होता है। कुछ लोगों में कोई लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। Others may have inflammation swelling or fever अगर फाइलेरिया के रोगी को लिम्फेडेमा (द्रव प्रतिधारण) या हाइड्रोसील (अंडकोश में सूजन) हो सकता है। इस तरह के लक्षण को देखते ही डॉक्टर से जॉच करवाये| 

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फाइलेरिया में सूजन को कम करने का घरेलू उपाय जाने

दोस्तो अगर आप फाइलेरिया के रोगो से ग्रषित है तो उसके सुजन को कम करने के लिए घरेलू उपचार कर सकते है उपचार करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूरी है| आपको ब्राह्मी को पीसकर उसका लेप लगा सकते है| रोजाना यह लेप लगाने से रोगी का सूजन कम हो जाती है| चींटियों द्वारा निकाली गई मिट्टी और अंडे को मिलाकर रोग से प्रभावित स्थान पर लगाएं| इस लेप को प्रतिदिन लगाने से, सूजन से आराम मिल सकता है|

हाथीपांव फाइलेरिया जैसे रोगों की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अभियान चलाया है|

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथीपांव फाइलेरिया जैसे रोगों की रोकथाम के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अभियान चलाया है| हर व्यक्ति को इस फलेरिया जैसे रोगों से बचने के लिए मुफ़्त दवा वितरण किया जा रहा है|

स्वास्थ्य विभाग, उ.प्र: क्या आपने अपने बच्चों को फाइलेरिया यानि हाथीपांव से होने वाली विकलांगता से बचाने के लिए दवा खिला दी है? यदि नहीं, तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा 10 फरवरी से शुरू किए गए अभियान का लाभ उठाएँ और तुरंत आशा के घर या निकट के स्वास्थ्य केंद्र जाकर दवा का सेवन खुद करें और अपने बच्चों को करायें| धन्यवाद!

फाइलेरिया यानि हाथीपांव की विकलांगता से बचाने हेतु आशा या स्वास्थ्यकर्मी आपके  घर पर  दवा खिलाने आ रहे तो आप उनको पूरा सहयोग दे और दवा का सेवन उनके सामने खुद करे और बच्चों को भी कराएं | याद रखें की हाथीपाँव का कोई इलाज़ नहीं हैं, दवा ही बचाव हैं |

अभी भी कुछ लोग हाथीपांव से बचाव की दवा खाने से बच रहें हैं| ऐसी गलती न करें और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिये गए इस अवसर का लाभ उठाएँ और तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या आशा के घर जाकर दवा का सेवन करें| याद रखे कोई भी बहाना बनाना खुद को, अपने बच्चों और परिवार को विकलांग होने के खतरे में डालना होगा। क्योकि जब सब दवा खाएँगे तभी सब हाथीपाँव की बीमारी से बच पाएंगे|

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