कर्नाटक hijab ban news today: दोस्तों मुसलमानी हिजाब को बहुत ही अच्छी तरह से आप लोग जानते हैं| इस हिजाब को बैन करने की बात काफी दिन से चल रही है| हिजाब को कहां-कहां बैन किया गया है सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है| हिजाब को कहां-कहां बैन किया गया है| और आप इसे कहां-कहां पहन सकती हैं| यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के दो जजों द्वारा लिया गया है| ज्यादा विस्तार से जानने के लिए नीचे जरूर पढ़े……
कर्नाटक के स्कूल और कॉलेज में हिजाब को बैन रखा जाए या नहीं रखा जाए| तो क्या किया जाए धार्मिक आधार पर आजादी की बात बार-बार कही गई है उसको लेकर क्या फैसला जजों के द्वारा सुनने को मिलता है जाने
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हिजाब बैन सुप्रीम कोर्ट 2 जजों का बड़ा फैसला
Hijab ban Supreme Court: हिजाब को लेकर 10 दिन से दलील पेश की जा रही थी| करीब 8 दिन उन लोगों ने दलीलें दी है| जो कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी| सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ से 2 दिन उन लोगों ने जिन्होंने उसका हिजाब का विरोध किया है उन लोगों ने चुनौती दी है| यानी कि कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के समर्थन में तो करीबन 8 दिन में विरोध करते हुए| उन्होंने कहा कि देखिए अगर लड़कियां स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनकर जाना चाहती हैं| तो उन्हें आप कैसे रोक सकते हैं अनुच्छेद 19, 21 और 25 आर्टिकल हर व्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करता है| इन अनुच्छेद के अनुसार वह अपनी इच्छा से कोई भी वस्त्र पहन सकती है| उन्हें कोई नहीं रोक सकता|
कर्नाटक हाई कोर्ट के द्वारा कहा गया था कि यह हिजाब इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है| यानी कि हिजाब को पहनना जरूरी नहीं है| उसी फैसलों को लेकर आए हुए हैं लोग सुप्रीम कोर्ट तक और जिस तरह से तुर्की में हिजाब बैन है| उसी तरह से हिजाब को भारत में मैं बैन करने की बात चल रही है| यानी कि यह हिजाब को भारत में बैंड नहीं किया जा रहा है बल्कि यह सिर्फ स्कूल और कॉलेज कुछ ऐसी संस्थाओं में बैन किया जाएगा|
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hijab ban news today
यहां पर इस बात को भी समझना बहुत जरूरी है| देखिए कि यह हिजाब को लेकर पूरा मामला है| क्योंकि बहुत सारे लोग बहुत सारे ऐसे युवा थे जो लोग भगवा गमछा पहन कर स्कूल का रुख करने लगे थे| दोनों तरह से देखा जाए तो एक तरह से टकराव की स्थिति हो गई थी| उन्हीं को किस तरह से रोका जाए इस बात की जानकारी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी जाएगी| अगर आप स्कूल ड्रेस के ऊपर भगवा गमछा लगाकर जाएंगे तो उस पर भी रोक लगाया जा सकता है| सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कोई अमीर हो गरीब हो या किसी भी समुदाय का हो स्कूल कॉलेज में सिर्फ स्कूल का ही ड्रेस अनिवार्य रहेगा| या कुछ ऐसी संस्थाएं जहां पर हिजाब और भगवा गमछा को रोका जा सकता है| इन सभी चीजों पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा फैसला आ सकता है|
लोगों द्वारा याचिकाओं में यह भी कहा जा रहा है| कि अनुच्छेद 19, 21 और 25 के आधार पर छात्रों को अपना वस्त्र चुनने का अधिकार दिया जाए|
सुप्रीम कोर्ट के दो जजों द्वारा यह फैसला लिया जाएगा| जिसमें अभजस्टिस गुप्ता जी के द्वारा यह फैसला नामंजूर कर दिया गया है| लोगों द्वारा दी गई दलील और याचिका को अभजस्टिक गुप्ता के द्वारा खारिज कर दिया गया है| उन्होंने यह कहते हैं इस याचिका को खारिज कर दिया है| कि मेरे विचार से इन सभी सवालों का जवाब याचिकाकर्ता के विरुद्ध जाता है मैं अपील खारिज करता हूं| यश गुप्ता ने यह याचिका खारिज कर दी जो कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ थी|
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दोनों जजों के फैसला के बीच एक जज ने अपना विचार लोगों के सामने प्रस्तुत कर दिए हैं| आप बात रही दूसरे जज की तो इसके बारे में जहां तक बताया जा रहा है| कि इस याचिका को खारिज करने के बाद इस मामले को आगे बढ़ाने की बात की जा रही है| अगर दो जजों के बीच में इस याचिका को खारिज कर दिया गया है तो यह तीसरे जज को इस याचिका को सौंपा जाएगा| जो याचिका और दलीलों को देखते हुए सही निर्णय को ले सके|